
फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ, हवा भी है रवाँ रवाँ
सुना रहा है ये समा सुनी सुनी सी दास्ताँ
पुकारते हें दूर से, वो क़ाफ़िले बहार के
बिखर गए हैं रंग से, किसीके इन्तज़ार में
लहर लहर के होंठ पर, वफ़ा की हैं कहानियाँ
सुना रहा है ये समा...सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ,
बुझी मगर बुझी नहीं, न जाने कैसी प्यास है
क़रार दिल से आज भी न दूर है न पास है
ये खेल धूप छाओं का, ये पुरबते ये दूरियाँ
सुना रहा है ये समा...सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ,
हर एक पल को ढूँढता हर एक पल चला गया
हर एक पल फ़िराक़ का ,हर एक पल विसाल का,
हर एक पल गुज़र गया, बनाके दिल पे इक निशाँ
सुना रहा है ये समा...सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ, हवा भी है रवाँ रवाँ
सुना रहा है ये समा सुनी सुनी सी दास्ताँ
பகிர்ந்தமைக்கு நன்றிங்க . உங்களுக்கு ஹிந்தி வாசிக்கத் தெரியுமா ? எனக்கு எழுதவும் வாசிக்கவும் தெரியும் . ஆனால் இதை வாசிக்கும் அனைவருக்கும் தெரியுமா என்று தெரியவில்லை . இயன்றால் இந்த பாடலின் லிங்கை பதிவுடன் இணைக்கவும் கேட்டு மகிழட்டும் . புரிதலுக்கு நன்றி
ReplyDeleteVideo link for bloggers who dont read hindi. Very beautiful mid-80 melody
ReplyDeletehttp://www.youtube.com/watch?v=SBqtC7Mk2mM