
दिल क्या करे जब किसी से ,
किसी को प्यार होता है ।
जाने कहा कब किसीको
किसी से प्यार होता है !
ऊँची ऊँची दीवारों सी , इस दुनिया की रस्मे
ना कुछ तेरी बस में जूली ना कुछ मेरी बस में
दिल क्या करे जब किसी से
किसी को प्यार होता है !
जैसे परबत पे घटा झुकती है
जैसे सागर से लहार उड़ती है
ऐसे किसी चेहरे पे निगाहे रुकती है
रोक नहीं सकते नज़रो को दुनिये भर की रस्मे
ना कुछ तेरी बस में जूली ना कुछ मेरी बस में
आ में तेरी याद में सबको भुला दूँ
दुनिया को तेरी तस्वीर बना दूँ
मेरा बस चले थो दिल चीर के दिखा दूँ
दौड़ रहा है सात लहूं के प्यार तेरा नस नस में
ना कुछ तेरी बस में जूली ना कुछ मेरी बस में
दिल क्या करे जब किसी से ,
किसी को प्यार होता है ।
जाने कहा कब किसीको
किसी से प्यार होता है !
ऊँची ऊँची दीवारों सी , इस दुनिया की रस्मे
ना कुछ तेरी बस में जूली ना कुछ मेरी बस में
दिल क्या करे जब किसी से
किसी को प्यार होता है !
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