Saturday, August 31, 2019

पल भर के लिए इन आँखों में हम एक ज़माना ढूंढते है








दीवना

एक दीवाना शहर में

एक दीवना नहीं एक दीवानी भी

दो दीवाने शहर में

दो दीवाने शहर में

रात में या दोपहर में

आबोदाना


आबोदाना ढूंढते है १ आशियाना, ढूंढते है

आबोदाना ढूंढते है १ आशियाना, ढूंढते है

दो दीवाने शहर में

रात में या दोपहर में

आबोदाना ढूंढते है १ आशियाना, ढूंढते है

दो दीवाने


इन भूलभुलैया गलियो में

अपना भी कोई घर होगा

अम्बर पे खुलेगी खिड़की या

खिड़की पे खुला अम्बर होगा

इन भूलभुलैया गलियों में

अपना भी कोई घर होगा

अम्बर पे खुलेगी खिडकी या

खिड़की पे खुला अम्बर होगा


असमानी रंग की आँखों में

असमानी या आसमानी

असमानी रंग की आँखों में बसने का बहाना ढूंढते है

ढूंढते है


आबोदाना ढूंढते है इक आशियाना ढूंढते है

दो दीवाने शहर में

रात में या दोपहर में

आबोदाना ढूंढते है एक आशियाना ढूंढते है

दो दीवाने


जब तारे ज़मीं पर

तारे और ज़मीं पर

Of course


जब तारे जमीं पर चलते है

आकाश जमीं हो जाता है

उस रात नही फिर घर जाता

वो चाँद यहीं सो जाता है

जब तारे ज़मीं पर चलते है

आकाश ज़मीं हो जाता है

उस रात नही फिर घर जाता


वो चाँद यही सो जाता है

पल भर के लिए

पल भर के लिए

पल भर के लिए इन आँखों में हम एक ज़माना ढूंढते है

ढूंढते है


आबोदाना ढूंढते है एक आशियाना ढूंढते है

दो दीवाने शहर में

रात में या दोपहर में

आबोदाना ढूंढते है एक आशियाना ढूंढते है

दो दीवाने


दो दीवाने

दो दीवाने

हाँ दो दीवाने

दो दीवाने

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